शिक्षा के सर्वव्यापीकरण हेतु केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की निधि से संचालित कार्यक्रम “समग्र शिक्षा” के अर्न्तगत गुणवत्ता शिक्षा में सुधार हेतु पारा शिक्षक की नियुक्ति की गई है । इनकी नियुक्ति के लिए योग्यता, पात्रता की शर्तें और मानदेय हेतु पारा शिक्षक नियमावली (Para Teacher Rules) बनाया गया है।
इस नियमावली को ” झारखण्ड सहायक अध्यापक सेवाशर्त नियमावली 2021 ” के नाम से जाना जाता है। इस नियमावली के तहत पारा शिक्षक का नाम अब ” सहायक अध्यापक” हो गया है।

पारा शिक्षक का अवकाश का नियम
पारा शिक्षक का नाम बदलकर “सहायक अध्यापक ” हुआ है। पारा शिक्षक को 6 प्रकार का अवकाश दिया गया है जो निम्नलिखित है :-
1.आकस्मिक अवकाश :- एक कैलेण्डर वर्ष (जनवरी से दिसंबर ) में 16 दिनों का आकस्मिक अवकाश दिया जायेगा । यह अवकाश (अन्य अवकाश सहित) एक साथ 10 दिनों से अधिक के लिए देय नहीं होगा। अर्थात रविवार या अन्य राजपत्रित अवकाश मिलकर 10 दिन से अधिक आकस्मिक अवकाश का उपभोग नहीं कर सकते है।
2.विशेष आकस्मिक अवकाश :- महिला सहायक अध्यापिका ( महिला पारा शिक्षिका) प्रत्येक माह में एक साथ लगातार दो दिनों के लिए विशेष आकस्मिक अवकाश का उपभोग कर सकती है।
3.पितृत्व अवकाश : – पुरुष सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) को 15 दिनों का पितृत्व अवकाश दिया जायेगा। पितृत्व अवकाश का लाभ मात्र पहले दो संतानों के लिए देय होगा।
4.मातृत्व अवकाश :- महिला सहायक अध्यापिका (पारा शिक्षिकाएँ ) 180 दिनों (छह माह ) का मातृत्व अवकाश का उपभोग कर सकती है । यह दो जीवित संतान तक का लाभ मिल सकता है।
5. चिकित्सा अवकाश :- एक कैलेण्डर वर्ष अर्थात जनवरी से दिसंबर तक में चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर सक्षम प्राधिकार की स्वीकृति से अधिकत्तम 15 दिनों की अवधि के लिए वेतन सहित चिकित्सा अवकाश का उपभोग किया जा सकता है।
6. असाधारण अवकाश :- किसी कारणवश उपर्युक्त सभी अवकाश अगर ख़त्म हो चुके है फिर भी एक कैलेण्डर वर्ष में सक्षम प्राधिकार की स्वीकृति से अधिकत्तम 30 दिनों की अवधि के लिए बिना वेतन के असाधारण अवकाश का लाभ लिया जा सकता है । इस छुट्टी के कारण सेवा में टूट नहीं मानी जायेगी। इसके बाद भी विद्यालय में अनुपस्थिति रहते हैं तब उस अवधि को सेवा में टूट माना जाएगा तथा मानदेय देय नहीं होगा ।
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Para Teacher Rules के तहत अवकाश स्वीकृति का नियम
Para Teacher Rules को ” झारखण्ड सहायक अध्यापक सेवाशर्त नियमावली 2021″ कहा जाता है। इसके तहत विद्यालय से छुट्टी लेने के लिए प्राधिकृत व्यक्ति का अनुमोदन आवश्यक है। पारा शिक्षक को छुट्टी लेने के लिए नियम का अक्षरशः पालन करना अनिवार्य है।
प्राथमिक विद्यालय हेतु कक्षा 1 से 5 या कक्षा 6 से 8 के लिए नियुक्त पारा शिक्षक विद्यालय के प्रधान शिक्षक या प्रभारी प्रधानाध्यापक से आकस्मिक अवकाश या महिला शिक्षिकाएं विशेष आकस्मिक अवकाश ले सकती है। 60 दिनों से अधिक अवकाश के लिए कक्षा 1 से 5 के लिए नियुक्त पारा शिक्षक सम्बंधित पंचायत सचिव से छुट्टी ले सकते है। इसी प्रकार 6 से 8 वाले पारा शिक्षक इतने ही दिनों की छुट्टी के लिए क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी की स्वीकृति से छुट्टी का उपभोग कर सकते हैं। 60 दिनों से अधिक छुट्टी लेने के लिए दोनों प्रकार के कोटि के पारा शिक्षक प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीइइओ) की अनुशंसा से जिला शिक्षा अधीक्षक की स्वीकृति से छुट्टी ले सकते हैं।
पारा शिक्षक का आचरण
पारा शिक्षक का आचरण समाज में एक आदर्श प्रस्तुत करता है, क्योंकि वे केवल ज्ञान देने वाले ही नहीं होते है , अपितु नैतिकता, अनुशासन और संस्कारों के प्रेरणास्रोत होते हैं। बच्चे शिक्षकों को आदर्श मानते है। उनका अनुकरण करते हैं। उनके जैसा बनना चाहते हैं। शिक्षक के आचरण से विद्यार्थी और समाज दोनों प्रभावित होते हैं। ” झारखण्ड सहायक अध्यापक सेवाशर्त नियमावली 2021″ के तहत पारा शिक्षकों का आचरण निम्नलिखित प्रकार से होनी चाहिए :-
- ➭ कक्षा की निर्धारित पाठ्यक्रम को सुगम एवं सुलभ ढंग से पूर्ण करना ।
- ➭ समय पर विद्यालय आना और निर्धारित रूटीन के अनुसार कक्षा का संचालन करना ।
- ➭ किसी प्रकार के नशा (दारू, हड़ियाँ, पान , सिगरेट, गुटखा, गांजा, चरस आदि ) का सेवन नहीं करना।
- ➭ प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से निजी व्यापार (दूकान, जमीन या अन्य ) में संलग्न नहीं होना ।
- ➭ सामाजिक कुरीतियों विशेषकर बाल-विवाह एवं दहेज प्रथा को दूर करने में सक्रिय भूमिका निभाना ।
- ➭ बाल अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करते हुए बच्चों को मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं करना ।
- ➭ विद्यालय प्रबंध समिति, प्रखण्ड शिक्षा समिति, प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी तथा उपायुक्त एवं जिला स्तरीय शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले निदेशों का अनुपालन करना ।
- ➭ बच्चों का निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 (समय-समय पर यथा संशोधित) एवं झारखण्ड राज्य हेतु निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2011 ( समय-समय पर यथा संशोधित) के तहत शिक्षकों (सहायक अध्यापक सम्प्रति पारा शिक्षकों सहित) के लिए निर्धारित निदेशों का अनुपालन करना ।
- ➭ विद्यालय के पोषक क्षेत्र 6 -18 आयुवर्ग के बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करना एवं शैक्षणिक वातावरण का निर्माण करना ।
- ➭ किसी भी राजनीतिक दल का अथवा राजनीति में भाग लेने वाले संगठन का न तो सदस्य होना और न ही अन्यथा रूप से संबंधित राजनीतिक गतिविधियों में सहभागी होना।
- ➭ अनैतिक कार्यों में संलिप्त नहीं होना।
पारा शिक्षक का अनुबंध सेवा शर्त नियम
➭ सहायक अध्यापक सम्प्रति पारा शिक्षकों को कार्य अवधि में आचरण संहिता का उल्लंघन किए जाने की स्थिति में नैसर्गिक न्याय के तहत संबंधित पारा शिक्षक को अपना पक्ष रखने हेतु एक अवसर प्रदान करते हुए संतोषप्रद स्पष्टीकरण समर्पित नहीं किए जाने की स्थिति में संबंधित प्रशासनिक-सह- अनुशासनिक प्राधिकार (पंचायत एवं प्रखण्ड शिक्षा समिति) द्वारा ऐसे सम्प्रति सहायक अध्यापक सम्प्रति पारा शिक्षकों की संविदा या कार्य अनुमति समाप्त की जा सकती है।
➭ कर्तव्य के प्रति निष्ठा नहीं रखने, निर्धारित आचरण संहिता का निर्वहन नहीं करने एवं छात्र हित/विद्यालय हित के विरुद्ध कार्य करने की स्थिति में संबंधित सहायक अध्यापक सम्प्रति पारा शिक्षक के विरुद्ध संबंधित पंचायत / प्रखण्ड स्तरीय प्रशासनिक-सह- अनुशासनिक प्राधिकार का अनुमोदन प्राप्त कर अनुशासनिक कार्रवाई कर सकेगी। अनाधिकृत उपस्थिति / उच्चाधिकारियों आदेश की अवहेलना हेतु मामला प्रथम दृष्टया प्रमाणित होने पर संबंधित उपरोक्त वर्णित प्रशासनिक – सह – अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा यथा- अनाधिकृत उपस्थिति जैसे मामलों में मानदेय वृद्धि पर कटौती (लघु दण्ड) तथा आचरण संहिता के उल्लघंन के गंभीर मामलों यथा- सरकारी राशि के गबन के प्रमाणित मामले, अनैतिक कार्य में लिप्त पाए जाने, अपराधिक मामले में सजायाफ्ता एवं गंभीर अनुशासनहीनता एवं कर्त्तव्य पर बरती गई लापरवाही सिद्ध होने पर सहायक अध्यापक सम्प्रति पारा शिक्षकों के कार्य अनुमति/संविदा निरस्त करने हेतु सक्षम प्राधिकार वृहद दण्ड देने हेतु सक्षम होगी।
➭ संबंधित प्रशासनिक-सह-अनुशासनिक प्राधिकार द्वारा उपरोक्त वर्णित लघु/ वृहद दण्ड देने के पूर्व संबंधित सहायक अध्यापक सम्प्रति पारा शिक्षकों को स्पष्टीकरण के लिए लघु दण्ड की श्रेणी में एक अवसर एवं वृहद दण्ड की श्रेणी में दो अवसर प्रदान किया जाएगा।