आप सभी लोगों ने बजट के दिन टेलीविज़न पर या सोशल मीडिया के जरिये ब्रेकिंग न्यूज़ देखी होगी या दूसरे दिन के अख़बारों के हैडिंग जरूर पढ़े होंगे कि 12 लाख तक के इनकम पर अब टैक्स फ्री। न्यूज़ ने मध्यमवर्ग लोगों को खास बना दिया क्योकि 12 लाख तक आय पर आयकर नहीं देनी होगी। मजेदार बात यह है की Income tax 2025 -26 के लिए लागू स्लैब को देखने से ऐसा कुछ भी नहीं दिखती है। फिर माजरा क्या है ?
यह ब्लॉग सरकारी सेवकों के लिए है। सरकारी कर्मचारी को टैक्स का पूर्ण ज्ञान हो, टैक्स की बारीकियों को समझ सके और त्रुटि रहित टैक्स दे सके ताकि छोटी सी गलती के कारण विद्यालय या कार्यालय अवधि में छुट्टी लेकर आयकर विभाग का चक्कर न काटना पड़े साथ ही किचकिच से दूर रहे । सही और समय से कर का भुगतान करके देश और राज्य के विकास में योगदान दे सके।
आइये इस पहेली को समझाते है और सरल भाषा में समझते है की कर्मचारियों की सालाना आय पर कितने टैक्स लगेंगे। 12 लाख की आय में कितनी छूट मिलेगी और मिलेगी तो उससे कम की आय पर टैक्स स्लैब क्यों रखा गया।
स्टैण्डर्ड डिडक्शन (standard deduction) क्या होता है ?
इनकम टैक्स में स्टैण्डर्ड डिडक्शन अमाउंट वह राशि होती है जो कुल आय से घटाई जाती है। Income tax 2025 -26 में स्टैण्डर्ड डिडक्शन (standard deduction) की राशि पचहत्तर हजार है। अर्थात कुल आय में इतनी राशि की कटौती के बाद की राशि पर कर लगता है। कर्मचारियों के लिए सरल भाषा में कहें तो इनकम टैक्स विभाग हमारी इनकम को 75000 हजार कम मानती है।
मान लीजिये किसी शिक्षक, पुलिस, सरकारी कर्मचारी या पदाधिकारी की वार्षिक आय 9 लाख 50 हजार है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उससे पचहत्तर हजार कम अर्थात 8 लाख 75 हजार ही मानती है और इसी पर टैक्स देना होता है।
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सेस या उपकर क्या है ?
अक्सर एक अनुमान लगाते है की 9 लाख की आय पर 4 लाख तक शून्य टैक्स। उसके बाद के 4 लाख पर 5 प्रतिशत अर्थात बीस हज़ार और शेष एक लाख पर दस प्रतिशत की टैक्स अर्थात दस हजार। कुल तीस हज़ार का टैक्स देना होगा।
लेकिन ऐसा नहीं है। कुल कर में ऊपर से और एक कर जोड़ा जाता है जिससे उपकर या सेस कहा जाता है। वर्तमान में उपकर या सेस चार प्रतिशत लगता है। इसको ऐसे समझते है – नौ लाख की कर योग्य आय में टैक्स तीस हज़ार लगा। इस तीस हज़ार कर में अब इस राशि का चार प्रतिशत उपकर या सेस देनी होगी अर्थात 30 हज़ार का चार प्रतिशत 1200 हुआ। यानि कुल टैक्स 30000 +1200 =31200 टैक्स देनी होगी।
Income tax 2025 -26 का स्लैब क्या है ?
टैक्स का सारा गणित स्लैब होता है। कितनी आय पर कितना टैक्स लगेगा इसका निर्धारण स्लैब करता है। कम आय पर कम टैक्स उसी प्रकार जितनी ज्यादा आय रहेगी स्लैब में टैक्स का प्रतिशत उतनी ज्यादा हो जाती है। Income tax 2025 -26 का स्लैब को सरल बनाया गया है। 4 लाख पर शून्य और उससे हर बार चार-चार लाख की टेबल बनती है।
आय सीमा | कर की दर |
---|---|
0 से 4 लाख | 0 % |
4 से 8 लाख | 5 % |
8 से 12 लाख | 10 % |
12 से 16 लाख | 15 % |
16 से 20 लाख | 20 % |
20 से 24 लाख | 25 % |
24 लाख से अधिक | 30 % |
Income tax 2025 -26 में 12 लाख तक की आय में छूट मिलेगी ?
टैक्स की यही वह पंक्ति है जिस पर ब्रेकिंग बनी की 12 लाख तक की आय में शून्य टैक्स लगेगा। ठीक है टैक्स शून्य हो गया लेकिन ऊपर की Tax Slab कुछ और बयां करती है। एक बार मान भी लेते है की 12 लाख तक शून्य है। तो क्या बारह लाख से अधिक आय होने पर टैक्स देने होंगे जिस पर स्लैब लागू होगा ? ज्ञात हो की 12 लाख से अधिक आय होने पर ही स्लैब के आधार पर टैक्स का भुगतान करना होगा। परन्तु 12 लाख से अधिक 12,71,250 तक में मार्जिनल रिलीफ दिया गया है। इसको एक बार आसान भाषा में समझते है –
सालाना आय 12 लाख पर शुन्य टैक्स है और 12 लाख 10 हज़ार आय हो जाने पर टैक्स 61500 हो जाती है। ऐसे में सवाल आता है की केवल 10 हज़ार आय बढ़ा लेकिन टैक्स 61,500 लग गया। लेकिन ऐसा नहीं है। इसके लिए सरकार ने मार्जिनल रिलीफ का नियम बनाया है। इसके तहत टैक्स तभी लगेगा जब आय 12 लाख से ज्यादा हो। 12 लाख से ज्यादा आय की राशि पर जो टैक्स बनेगा एवं 12 लाख से ज्यादा जो राशि होगी उन दोनों में जो सबसे कम अमाउंट होगी वो टैक्स कहलाएगी।
इसको और सरल बनाते है – मान लीजिये वार्षिक वेतन से आय 12 लाख 10 हज़ार है । अब इस 12 लाख 10 हज़ार पर टैक्स जोड़ा जाए तो 61500 होता है। लेकिन रुकिए अभी इतना देना नहीं है क्योकि इनकम मात्र 10 हज़ार ही बढ़ा क्योकि 12 लाख पर यों ही टैक्स शून्य है। अब कोई 10हज़ार का आय में 61500 टैक्स तो भरेगा नहीं । इससे अच्छा वो सैलरी में ही 10 हज़ार कम लेना पसंद करेगा। लेकिन नहीं। जब न्यूज़ ब्रेकिंग हो सकती है तो फार्मूला भी ब्रेकिंग है। टैक्स विभाग ने इसके लिए मार्जिनल रिलीफ नियम रखा। नियम ये है की मान लीजिये कि 12 लाख के बाद का अतिरिक्त इनकम और 10 हजार है इस प्रकार कुल 12 लाख 10 हज़ार हुआ और इस पर टैक्स 61,500 हुआ। 12 लाख के बाद का 10 हज़ार और टैक्स 61,500 में जो सबसे कम राशि होगी वो 12 लाख 10 हज़ार आय का टैक्स होगा।
इसको सीमांत कर राहत कहा जाता है। आयकर विभाग द्वारा दी जाने वाली वह राहत जब किसी व्यक्ति की आय कर-मुक्त सीमा से थोड़ी अधिक होती है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कर-मुक्त आय सीमा 12 लाख है। सीमांत राहत के साथ, करदाता को तब पूरा कर नहीं देना होगा जब उसकी आय 12 लाख से थोड़ी अधिक हो। नीचे की चार्ट को देखकर इसे और आसानी से समझ सकते है :-
आय | सीमांत राहत के बिना देय कर | सीमांत राहत के साथ देय कर |
---|---|---|
12,10,000 | 61,500 | 10,000 |
12,50,000 | 67,500 | 50,000 |
12,70,000 | 70,500 | 70,000 |
12,75,000 | 71,250 | 71,250 |