सरकार द्वारा राज्य के सभी सरकारी शिक्षकों एवं सेवकों को उपार्जित अवकाश (Earned Leave) देय है। झारखण्ड सेवा संहिता 154 के तहत “उपार्जित अवकाश ” की गणना कर्तव्य पर बिताये दिनों की वास्तविक संख्या से होती है, अर्थात यह अवकाश कर्तव्य द्वारा अर्जित होती है।
उपार्जितअवकाश की गणना झारखण्ड सेवा संहिता के नियम 227 के तहत की जाती है।
EL का नया नियम
कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ,झारखण्ड सरकार के पत्रांक 3445, दिनांक 22-05-2018 के आदेशानुसार झारखण्ड राज्य के सभी कर्मियों (यथा- सभी अराजपत्रित कर्मी, सभी राजपत्रित कर्मी जिनके अवकाश लेखा की गणना वित्त ( वैयक्तिक दावा निर्धारण कोषांग ) विभाग के द्वारा किया जाता है तथा सभी राजपत्रित पदाधिकारी जिनके अवकाश लेखा का संधारण महालेखाकार कार्यालय द्वारा किया जाता है) के उपार्जित अवकाश की प्रक्रिया को पूर्णतः ऑनलाईन माध्यम से करने का निर्णय लिया गया है।
HRMS के अन्तर्गत ऑनलाईन अवकाश प्रबन्धन प्रणाली का उपयोग करते हुए सभी कर्मियों के द्वारा उपार्जित अवकाश का आवेदन ऑनलाईन माध्यम से किया जाएगा। इसका अग्रसारण, गणना एवं अवकाश स्वीकृति / अस्वीकृति के निर्णय का कार्य भी ऑनलाईन माध्यम से किया जाएगा। स्वीकृति की स्थिति में अवकाश स्वीकृति का आदेश भी ऑनलाईन माध्यम से निर्गत होगा। अखिल भारतीय सेवा के पदाधिकारियों के लिए तत्काल यह सेवा उपलब्ध नहीं होगा।
शिक्षकों को अन्य सरकारी कर्मियों की भांति मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (HRMS) से ऑनलाइन अवकाश प्रणाली के तहत छुट्टी लेने का प्रावधान है परन्तु, पोर्टल की खामियों की वजह से वर्तमान में शिक्षकों के लिए ई विद्यावाहिनी पोर्टल से ऑनलाइन छुट्टी लेने का प्रावधान किया गया है।
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उपार्जित अवकाश (Earned Leave) गणना की शर्तें
राजपत्रित/अराजपत्रित सभी सरकारी सेवकों के लिए उपार्जित अवकाश (Earned Leave) की गणना निम्न प्रकार से होती है-
- राजपत्रित/अराजपत्रित सभी सरकारी सेवकों के लिए उपार्जित अवकाश (Earned Leave) की गणना निम्न प्रकार से होती है-
- 3 वर्ष प्रारम्भ की सेवा (Temporary Service) की दर होगी – 1/22 – अर्थात इस अवधि में उपार्जित अवकाश की गणना कुल सेवा का 1/22 होगा।
- शिक्षकों के लिए एक वर्ष विद्यालय में कार्य करने पर 14 दिन का उपार्जित अवकाश (Earned Leave) मिलता है। नियुक्ति के समय प्रथम 3 वर्ष में कर्तव्य पर बिताये दिनों का अवकाश अर्जित नहीं होती है। अर्थात प्रथम तीन वर्ष का उपार्जित अवकाश शून्य रहता है।
- स्थायी सेवा (3 वर्ष की प्रारम्भिक सेवा पूर्ण होने पर) का उपार्जित अवकाश का दर 1/11 होगा।
- नियम 170 के तहत इसकी गणना निर्धारित प्रपत्र फारम सं. – 1 में की जायेगी जो सेवा पुस्त के अन्त में साटा रहेगा।
- निर्धारित प्रपत्र खाता में अधिकतम 300 दिन ही जमा रहेगा (अधिक जानकारी के लिए झारखण्ड सरकार, वित्त विभाग ज्ञापांक संख्या 948 दिनांक 12-5-05 को देखा जा सकता है )
- जमा खाता से पहले अदेय छुट्टी (Leave not due) उपभोग अवधि घटा ली जायेगी। सरकार के आदेश पर उपार्जित अवकाश बकाया नहीं रहने पर दी गयी छुट्टी भी खाता से पहले घटा ली जायेगी।
- निजी आवश्यक कार्य / स्वयं अथवा अन्य के बीमार रहने पर चिकित्सा प्रमाण-पत्र पर यह देय है।
- एक बार में 120 दिन सभी सेवा कर्मियों के लिए।
- एक माह / 30 दिन उपार्जित अवकाश स्वीकृति पर सरकारी सेवक द्वारा मांग करने पर अग्रिम वेतन दिया जायेगा। (अधिक जानकारी के लिए वित्त विभाग पत्र सं. 1182/वि.(2) दि. 14-02-83 का पत्र को देखा जा सकता है )
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उपार्जित अवकाश की गणना कैसे करें?
उपार्जित अवकाश (Earned Leave) को ही “अर्जित अवकाश” कहा जाता है। कर्तव्य पर बिताये दिन से जो छुट्टी अर्जित करते है उससे ही उपार्जित अवकाश कहते है। शिक्षकों को एक वर्ष की नियमित सेवा पर 14 दिनों का अर्जित अवकाश प्राप्त होता है। सेवा पुस्तिका में अधिकतम 300 दिन ही दर्ज होती है।
इसकी गणना झारखण्ड सेवा संहिता के नियम 227 के अनुसार की जाती है।
3 वर्ष प्रारम्भ की सेवा (Temporary Service) की दर होगी – 1/22 , अर्थात इस अवधि में उपार्जित अवकाश की गणना कुल सेवा का 1/22 होगा। नियुक्ति तिथि से प्रथम तीन वर्ष की सेवा को अस्थायी सेवा काल में गिनती की जाती है। तीन वर्ष बाद स्थायी सेवा (3 वर्ष की प्रारम्भिक सेवा पूर्ण होने पर) का उपार्जित अवकाश का दर 1/11 होगा।
अर्जित अवकाश (Earn Leave) का नियम क्या है?
उपार्जित अवकाश को ही अर्जित अवकाश कहा जाता है। इसलिए जो नियम और शर्तें उपार्जित अवकाश में है वही अर्जित अवकाश में भी लागू होती है।