8th Pay Commission 2026 : केंद्र सरकार ने आठवाँ वेतन आयोग का गठन की मंजूरी प्रदान की है। केंद्र के साथ राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को इसका बेसब्री से इन्तजार था, कारण कि केंद्र में लागू होने के साथ ही झारखण्ड, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली सहित देश के कई राज्य की सरकारें इसे लागू करती है। यह आयोग कर्मचारियों की वेतन , भत्ते और पेंशन आदि की समीक्षा करेगी। सिफारिशें आने के बाद 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है। इसे लागू करने के लिए जल्द ही एक अध्यक्ष और 2 सदस्यों की नियुक्ति होगी।
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर क्या होंगे ?
वेतन आयोग में सैलरी बढ़ाने की मुख्य भूमिका फिटमेंट फैक्टर की होती है। छठें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था जो जनवरी 2006 से लागू हुआ था और 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था जो जनवरी 2016 से लागू हुआ था। ऐसा कयास लगाया जा रहा है की आठवाँ वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर फिटमेंट फैक्टर को 2.86 किया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो शिक्षकों के सैलरी में उम्मीद के मुताबिक बढ़ोत्तरी हो सकती है। यहां यह स्पष्ट करना चाहेंगे की ये सिर्फ कयास है।
आठवाँ वेतन आयोग का गठन करने का उद्देश्य क्या है ?
आठवाँ वेतन आयोग का गठन का उद्देश्य नौकरी पेशा और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में संशोधन के लिए है। वेतन आयोग यह सुनिश्चित करता है की कर्मचारियों को उनकी सेवाओं के बदले उचित वेतन मिले , महंगाई के मुताबिक़ उनकी सैलरी हो ताकि जीवन शैली को सुधारा जा सके। बेहतर वेतन और सुविधाएं कर्मचारियों को काम करने के लिए प्रेरित करती हैं। इससे कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ती है। महंगाई की दरों में अत्यधिक बढ़ोत्तरी के कारण कर्मचारियों का मौजूदा वेतन का मूल्य घट जाता है। आयोग इसका अध्ययन करती है और एक नया वेतन संरचना तैयार करता है।
शिक्षकों की सैलरी में कितनी बढ़ोत्तरी होगी ?
शिक्षक का वेतन वृद्धि मौजूदा मूल वेतन के आधार पर तय होगी । सैलरी वृद्धि के लिए आठवां वेतनमान में मुख्य कारक फिटमेंट फैक्टर होगा। महंगाई की दर में बेतहाशा वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, वेतन को इस प्रकार बढ़ाया जा सकता है कि शिक्षकों की क्रय शक्ति बनी रहे। सेवारत शिक्षक और सेवानिवृत्त शिक्षकों की पेंशन भी उसी अनुपात में वृद्धि होती है।
आठवाँ वेतन आयोग का गठन के साथ ही कयास लगाया जा रहा है की इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.86 होगा। अगर ऐसा हुआ तो जिसका मूल वेतन वर्तमान में 44900 है उसका मूल वेतन बढ़कर 1 लाख 28 हजार हो जाएगी। इस पर महंगाई भत्ता 0 प्रतिशत देय होगी। चिकित्सा भत्ता में चिकित्सा बीमा का लाभ मिलेगी। झारखण्ड सरकार के राज्यकर्मियों को अगले वित्तीय वर्ष से चिकित्सा बीमा का लाभ मिलने की संभावना है।
केंद्रीय वेतन आयोग महंगाई और अन्य परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए वेतन बढ़ोतरी की सिफारिश करता है सिफारिश लागू होते ही शिक्षक कर्मचारी लाभान्वित होते है। सिफारिश में देरी होने पर पिछले महीना का बकाया एरियर एक साथ या कई किस्तों में भुगतान की जाती है।
फिलहाल कुछ भी स्पष्ट तौर पर कहा नहीं गया है या ऐसी कोई आधिकारिक सूचना नहीं है की आठवाँ वेतन आयोग का स्वरूप क्या होगा। ऐसी प्रबल संभावना है कि जो भी होगा कर्मचारियों के हित में होगा।
अब तक संसद या बाहर में जब कभी भी आठवें वेतन आयोग से जुड़े कोई प्रश्न पूछे जाते थे तो सरकार की ओर से यही कहा जाता था कि इस तरह का कोई प्रपोजल फिलहाल नहीं है। फिर अचानक से केंद्र सरकार द्वारा आठवाँ वेतन आयोग का गठन को मंजूरी दी जाती है।
निष्कर्ष
वेतन आयोग हर दस वर्ष में गठित होती है। आठवाँ वेतन आयोग जनवरी 2026 में लागू होगी। वेतन की संरचना क्या होगी अभी स्पष्ट नहीं है। माना जा रहा है की बेसिक सैलरी में अच्छा खासा इजाफा होगी। कर्मचारी के कई संघ आठवाँ वेतन आयोग का गठन के लिए प्रयासरत थे। आयोग गठन की स्वीकृति के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के साथ राज्य कर्मियों में जबरदस्त ख़ुशी है।