Leave Approval Rules: झारखण्ड / बिहार सेवा संहिता के नियम 12 के अनुसार सरकारी सेवक / शिक्षक/ शिक्षिका अधिकार पूर्वक छुट्टी / अवकाश का दावा नहीं कर सकता है। कार्यालय / विद्यालय के लिए अति आवश्यक हो तो छुट्टी देने वाले अपने विवेक से छुट्टी स्वीकृत या रद्द कर सकता है।
Leave Approval Rules की शर्तें
बहुत बार ऐसी परिस्थिति आती है की एक कार्यालय/ विद्यालय के कई कर्मी / शिक्षक / शिक्षिका एक तिथि में एक से ज्यादा अवकाश में रहना चाहते है। ऐसी स्थिति में छुट्टी देने वाले सक्षम प्राधिकार (कार्यालय प्रधान / हेडमास्टर ) को संहिता के परिशिष्ट 12 के अनुसार आम सिद्धान्तों का पालन करते हुए सरकारी सेवकों का छुट्टी स्वीकृत और रद्द करने के पूर्व निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है :-
- सर्वप्रथम वैसे सरकारी सेवकों को उस समय आसानी से छुट्टी दी जा सकती है जो कि जरूरत होने पर उन्हें सुविधापूर्वक छुट्टी से बुलाया जा सके।
- विभिन्न आवेदकों की कितनी छुट्टी बाकी है।
- पिछली बार छुट्टी से लौटने पर हर आवेदक ने कार्यालय या विद्यालय में कितनी और कैसी सेवा की है।
- किसी आवेदक को पिछली छुट्टी से अनिवार्यतः वापस बुलाया गया था या नहीं ।
- किसी आवेदक को लोकहित में पहले छुट्टी अस्वीकृत की गयी है या नहीं ।
- छुट्टी देने में सक्षम पदाधिकारी (कार्यालय प्रधान / हेडमास्टर ) किसी को पूरी आवेदित छुट्टी देना अस्वीकार कर सकता है अथवा अपने विवेक से इस शर्त को शिथिल भी कर सकता है।
- यदि कोई सरकारी सेवक / शिक्षक / शिक्षिका स्वास्थ्य के आधार पर थोड़े-थोड़े समय पर छुट्टी के लिए आवेदन करे तो बिना स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र के छुट्टी नहीं देनी चाहिए। ऐसे मामले में पहले बार-बार ली गयी छुट्टी स्वास्थ्य परीक्षकों की दृष्टि में लानी चाहिए और उन्हें विशेष सावधानी के साथ इस पर सलाह देने के लिए कहना चाहिए कि पूरे स्वास्थ्य लाभ में कितना समय और लगेगा ।
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