प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण ) योजना के अंतर्गत मिड डे मील (MDM) केवल भोजन नहीं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का एक शक्तिशाली माध्यम है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लागू मध्याहन भोजन योजना केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना के तहत पूर्व प्राथमिक कक्षा से आठवीं तक के बच्चों को निर्धारित मेनू अनुसार मध्याहन भोजन दिया जाता है, इसके अलावे झारखण्ड के सभी सरकारी / गैर सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) विद्यालय में प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को पूरक पोषाहर के अंतर्गत अंडा या फल और बुधवार को मड़ुआ का हलुआ या लड्डू दी जाती है।
एमडीएम लागत (MDM Cost)
विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे देश का भविष्य होते हैं। उन्हें बचपन से ही पौष्टिक भोजन मिलेगा, तो वे स्वस्थ रहेंगे और एक सशक्त समाज की नींव रखेंगे। इसी उद्देश्य की पूर्ति निमित्त गुणवत्ता युक्त भोजन मिले इसके लिए समय-समय पर एमडीएम लागत (MDM Cost) में वृद्धि की जाती है। दिसंबर 2024 में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित राशि में वृद्धि करके बाल वाटिका से पांचवीं कक्षा के लिए ₹ 6:19 और कक्षा छह से आठ के लिए ₹ 9 :29 किया गया था। अब पुनः केंद्र सरकार द्वारा दर एमडीएम लागत (MDM Cost) में बदलाव किया गया है।
केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने श्रम ब्यूरो द्वारा उपलब्ध कराए गए मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर एमडीएम सामग्री लागत में 9.50 प्रतिशत की वृद्धि की है। यह दरें पहली मई 2025 से झारखण्ड सहित देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होंगी। प्रति विद्यार्थी प्रति दिन सामग्री लागत इस प्रकार है: –

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पीएम पोषण योजना के अंतर्गत भोजन बनाने के लिए आवश्यक निम्नलिखित सामग्रियों की क्रय हेतु एमडीएम लागत (MDM Cost) प्रदान की जाती है:-

एमडीएम मेनू क्या है ?
झारखण्ड के विद्यालय में मिड-डे मील का मेनू दीवार पर अंकित है जो केवल एक सूची नहीं, बल्कि एक योजनाबद्ध पोषण रणनीति है। यह बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विद्यालय में मिड-डे मील देने के लिए मेनू का होना इसलिए आवश्यक है क्योंकि यह योजना की गुणवत्ता, पोषण, और प्रभावशीलता को सुनिश्चित करता है।
एक तयशुदा मेनू से यह सुनिश्चित होता है कि बच्चों को हर दिन अलग-अलग और संतुलित आहार मिले जैसे दाल, चावल, सब्जी, फल, अण्डा और मड़ुआ से बनी खाद्य वस्तुएं आदि। इससे आवश्यक विटामिन, प्रोटीन और मिनरल्स नियमित रूप से विद्यालय के बच्चों को प्राप्त होते हैं। मेनू होने से हर दिन कुछ अलग और स्वादिष्ट मिलने की संभावना होती है, जिससे बच्चे मील में रुचि लेते हैं। झारखण्ड में साप्ताहिक मेनू और निर्धारित समय निम्न प्रकार से है :-

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