(Increase in the amount of house construction advance)
झारखण्ड के राज्य कर्मियों के लिए राज्य सरकार के सभी सेवीवर्ग को समान रूप से गृह निर्माण अग्रिम की स्वीकृति हेतु झारखण्ड वित्त नियमावली के नियम एवं अन्य प्रावधानों में संशोधन किया गया। पूर्व में राज्यकर्मियों को गृह निर्माण के अग्रिम में 30 लाख तक का अधिकत्तम प्रावधान था जिससे संशोधन किया गया। अब अधिकत्तम 60 लाख तक का अग्रिम ले सकते है।
गृह निर्माण अग्रिम की राशि का पूर्व में क्या नियम था ? (Increase in the amount of house construction advance)
झारखण्ड राज्य के सेवीवर्ग को वित्त विभागीय संकल्प संख्या 1113 / वि०अ०, दिनांक 10.10.2014 के आलोक में गृह निर्माण अग्रिम के रूप में अधिकतम राशि रुपये 30,00,000 /- (तीस लाख रुपये) की स्वीकृति का प्रावधान था। इस संकल्प को निर्गत हुए कई वर्ष बीत चुके है। वर्तमान में जमीन का मूल्य एवं गृह निर्माण के सामग्रियों के मूल्यों में कई गुणा वृद्धि हो चुकी है। फलतः राज्य सरकार द्वारा देय अधिकत्तम तीस लाख की राशि अब अप्रासंगिक हो गई है।
इस 30 लाख की अधिसीमा में कोई भी कर्मी जमीन खरीद कर अपना गृह निर्माण / फ्लैट क्रय का कार्य पूरा नहीं कर पाता इसलिए इससे संशोधित किया गया।
किस कार्य हेतु अग्रिम राशि का प्रावधान है ? (Increase in the amount of house construction advance)
ऐसा नहीं की अग्रिम राशि प्राप्त कर लिए और किसी अन्य कार्यों में खर्च कर दिए। निम्नलिखित प्रयोजनों के लिए अग्रिम स्वीकार्य है-
- कर्मचारी द्वारा अपने या संयुक्त रूप से अपने पति / पत्नी के स्वामित्व वाले प्लॉट पर एक नये मकान का निर्माण / अथवा
- एक प्लॉट खरीदना और उस पर मकान बनाना / अथवा
- सहकारी भवन समितियों / स्व- वित्त योजनाओं / हाउसिंग बोर्डों / विकास प्राधिकरण एवं अन्य वैधानिक अर्द्ध सरकारी निकायों के माध्यम से एक मकान / फ्लैट खरीदना और निर्माण करना या प्राप्त करना ।
- मकान बनाने के लिये अन्य श्रोतों से लिये गये ऋण या अग्रिम की अदायगी, भले ही मकान का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया हो, बशर्ते कि गृह निर्माण अग्रिम का आवेदन अन्य श्रोतों से लिये गये ऋण के पूर्व ही दिया गया हो।
- लागत की अधिकतम सीमा के अधीन किसी रिहायशी कॉलोनी में उस प्लॉट, जिस पर दुकान एवं आवास का निर्माण किया जाना है, पर भवन के केवल रिहायशी हिस्से का निर्माण ।
- मकान / फ्लैट प्राईवेट पार्टी, रजिस्टर्ड बिल्डर, आर्किटेक्ट, गृह निर्माण सोसाइटी, प्राईवेट व्यक्ति आदि से खरीदना ।
गृह निर्माण की अग्रिम हेतु कौन सी शर्ते है ?
गृह निर्माण अग्रिम की राशि में हुई बढ़ोत्तरी ( Increase in the amount of house construction advance) का लाभ प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार की शर्तों का अनुपालन करना होगा।
राज्य कर्मियों को भूमि / प्लॉट को बंधक रखे बगैर गृह निर्माण अग्रिम की स्वीकृति प्रदान की जायेगी। इसके लिये राज्य कर्मियों को इस आशय का शपथ पत्र (संलग्न परिशिष्ट-I के अनुसार) देना होगा कि गृह निर्माण अग्रिम की स्वीकृति प्राप्ति के उपरांत घोषित भूमि / प्लॉट को किसी अन्य वित्तीय संस्थान में बंधक रख कर अन्य गृह निर्माण ऋण प्राप्त नहीं करेगा।
केवल भूमि की खरीद के लिये गृह निर्माण अग्रिम अनुदेय नहीं है। किराया- क्रय पद्धति के आधार पर मकान खरीदने के लिये गृह निर्माण अग्रिम स्वीकार्य नहीं है, परन्तु फ्लैटों / मकानों के किराया क्रय को सीधी खरीद में बदलने पर यह अनुदेय हो जाता है, बशर्ते कि मकान स्टेट हाउसिंग बोर्डो या इसी प्रकार सरकार द्वारा नियंत्रित निकाय से खरीदा जाता है।
सहकारी समितियों / स्व- वित्त योजनाओं को पेशगी की रकम या आरंभिक रजिस्ट्रेशन की राशि का भुगतान करने के लिये गृह निर्माण अग्रिम अनुमान्य नहीं है।
गृह निर्माण अग्रिम की राशि किस प्रकार से मिलेगी ?
झारखण्ड राज्य सरकार द्वारा गृह निर्माण अग्रिम की राशि में हुई बढ़ोत्तरी ( Increase in the amount of house construction advance ) की गई है। राज्य कर्मियों को गृह निर्माण अग्रिम की प्राप्ति निम्न प्रकार से होगी ।
- स्वीकृति के समय कर्मी के मूल वेतन का 100 गुणा अथवा
- कर्मी के अदायगी की क्षमता के अनुसार परिकलित राशि, अथवा
- अधिकतम 60 लाख रूपये,
इनमें से जो भी सबसे कम हो राज्य कर्मियों को अग्रिम के रूप में दिया जायेगा।
राज्य सरकार के सभी सेवीवर्ग को समान रूप से गृह निर्माण अग्रिम की स्वीकृति हेतु झारखण्ड वित्त नियमावली के नियम 393 का शिथिलिकरण एवं अन्य प्रावधानों में संशोधन के संबंध में पत्र पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें।
ब्याज की दर क्या होगी और इसकी गणना कैसे की जाएगी ? ( Increase in the amount of house construction advance )
- अग्रिम पर प्रथम किस्त के भुगतान की तिथि से साधारण ब्याज देय होगा।
- ब्याज की गणना प्रत्येक माह के अंतिम दिवस को रहने वाले बकाये राशि के आधार पर की जायेगी।
- अगर मूलधन के बकाये का भुगतान माह के मध्य तक कर दिया जाता है, तो उस माह का ब्याज नहीं लिया जायेगा।
- यदि प्रशासनिक कारणों से वेतन विलम्ब से निकलता है, तो देय ब्याज अवशेष की गणना हेतु वसूली उसी माह में मानी जायेगी, जिस माह का वेतन निकला हो।
- यदि अग्रिम के मूलधन का कोई भाग मृत्यु – सह – उपादान की राशि से समायोजित किया जाना है, तो वह सेवानिवृत्ति की तिथि को ही समायोजित समझा जायेगा, उस तिथि के उपरान्त ब्याज देय नहीं होगा।
- यदि किसी सरकारी सेवक की सेवा काल में मृत्यु हो जाती है एवं मूलधन के किसी भाग का समायोजन उसके मृत्यु – सह – उपादान से होता है, तो सरकारी सेवक की मृत्यु की तिथि के बाद का ब्याज देय नहीं होगा।
- स्वीकृत गृह निर्माण अग्रिम पर 7.5 प्रतिशत (साधारण ब्याज) लिया जायेगा
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