झारखण्ड सेवा संहिता के नियम 235 के तहत स्थायी सरकारी सेवक को अदेय छुट्टी (Leave Not Due) देय है। निवृत्ति पूर्व छुट्टी को छोड़कर, अदेय छुट्टी स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र पर दी जा सकती है।
यदि किसी सरकारी सेवक को इस नियम के अधीन अदेय छुट्टी (Leave Not Due) दी गयी हो और फिर स्वेच्छा से सेवा निवृत्ति की अनुमति के लिए आवेदन करे और यदि उसकी आवेदन पर सेवा निवृत्ति की अनुमति मिल जाय, तो अदेय छुट्टी रद्द हो जाएगी।
अदेय छुट्टी (Leave Not Due) का नियम
राज्य सरकार द्वारा अदेय छुट्टी (Leave Not Due) का लाभ प्राप्त करने के लिए नियम बनाये गए है जो निम्नलिखित है:-
- अदेय छुट्टी (Leave Not Due) केवल स्थायी सरकारी सेवक को स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र पर ही देय होगी।
- यह छुट्टी भविष्य में आधे वेतन पर उपार्जित अवकाश से काट ली जायेगी।
- इसमें छुट्टी वेतन मिलेगा।
- अदेय छुट्टी (Leave Not Due) सरकारी सेवकों के लिए सम्पूर्ण सेवाकाल में निम्नांकित रूप में सीमित रहेगी:-
- (क) उच्चतर सेवा के सेवक-अधिकतम-180 दिन सेवा काल में।
- (ख) निम्न स्तर सेवा के सेवक अधिकतम-120 दिन।
- अदेय छुट्टी मंजूर करने वाले प्राधिकारी के संतुष्टि पर यह छुट्टी स्वीकृत की जा सकती है।
अदेय छुट्टी की शर्तें
अदेय छुट्टी झारखण्ड सेवा संहिता के नियमावली 235 में उल्लेखित शर्तों के अधीन स्थायी सेवकों को प्रदान की जाती है। अदेय छुट्टी तभी दी जा सकती है जब छुट्टी मंजूर करने वाले सक्षम प्राधिकारी का समाधान हो जाय कि सरकारी सेवक के छुट्टी ख़त्म होने पर कर्तव्य पर लौट आने की और उसके बाद आधे वेतन पर उतनी ही छुट्टी उपार्जित करने की युक्तियुक्त आशा हो।
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