झारखण्ड राज्य के सभी सरकारी शिक्षकों और कर्मियों को असाधारण अवकाश (Extraordinary Leave) देय है। झारखण्ड सेवा संहिता के नियम 236 के अनुसार सरकारी सेवकों को यह अवकाश दिया जाता है। असाधारण अवकाश सरकारी कर्मचारियों को विशेष परिस्थिति में दी जाती है जब अन्य किसी तरह की अवकाश अनुमान्य न हो।
उल्लेखनीय है की झारखण्ड सेवा संहिता के अध्याय VI के अंतर्गत छुट्टी के सभी सामान्य नियम आते है। नियम 152 के तहत सरकारी शिक्षक और सरकारी कर्मी द्वारा छुट्टी का अधिकार जैसा दावा नहीं किया जा सकता है साथ ही नियम 153 के अनुसार निलंबित सरकारी सेवक को छुट्टी की स्वीकृति नहीं दी जा सकती है।
असाधारण अवकाश (Extraordinary Leave) का नया नियम
नया नियम के तहत असाधारण अवकाश (Extraordinary Leave) को अन्य अवकाश के साथ उपभोग कर सकते है। उपार्जित अवकाश के रूप में झारखण्ड सेवा संहिता के नियम 227, 230, और 248 के तहत तथा सेवा संहिता के नियम 232 बी. के तहत अर्द्ध वैतानिक अवकाश के साथ उपभोग कर सकते है।
उदाहरण :- यदि कोई सरकारी सेवक 21-10-2021 से 10-04-2023 तक अवकाश में है। ऐसी परिस्थिति में 21-10-2021 से 02-11-2021 तक उपार्जित अवकाश, 03-11-2021 से 15-11-2021 तक अर्द्ध वैतानिक अवकाश के रूप में तथा 16-11-2021 से 10-04-2023 तक असाधारण अवकाश (Extraordinary Leave) में रह सकता है।
असाधारण अवकाश की शर्तें
झारखंड सेवा संहिता के नियम 236 के अनुसार असाधारण अवकाश (Extraordinary Leave) सरकारी सेवक को निम्नांकित शर्तों के अधीन विशेष परिस्थितियों में दी जा सकती है:-
- जब कोई अन्य अवकाश अनुमान्य न हो।
- दूसरी छुट्टी अनुमान्य होने पर, जब संबद्ध सरकारी सेवक द्वारा असाधारण छुट्टी के लिए लिखित आवेदन करें।
- यह छुट्टी अवकाश में जाने के पूर्व स्वीकृत नहीं होगा।
- नियम 180 के अनुसार असाधारण अवकाश (Extraordinary Leave) के लिए कोई छुट्टी वेतन नहीं मिलेगा और न छुट्टी लेखा में विकलित होगा।
- बिना छुट्टी की अनुपस्थिति की कालावधि तब भी अनुमान्य है जबकि बिना छुट्टी की अनुपस्थिति प्रारम्भ होने के समय सरकारी सेवक के लिए अन्य छुट्टी अनुमान्य है।
- सेवा संहिता के नियम 76 के अनुसार किसी भी सरकारी सेवक को लगातार 5 (पांच) वर्ष से अधिक के लिए किसी प्रकार की छुट्टी स्वीकृत नहीं की जायेगी।
यह भी अवश्य पढ़ें ➮ विशेष आकस्मिक अवकाश (Special Casual Leave) का नया नियम और शर्तें।
यह भी अवश्य पढ़ें ➮ सरकारी शिक्षक और राज्य कर्मियों का वार्षिक वेतन वृद्धि का क्या नियम है?
असाधारण अवकाश क्या होते हैं?
नियमित सरकारी सेवक छुट्टी समाप्त होने के पश्चात भी यदि अनुपस्थित रहता है। उनके पास नियत तिथि के बाद छुट्टी में रहने का किसी तरह का अवकाश उपलब्ध नहीं है ऐसे में अनुपस्थित काल को असाधारण अवकाश मानकर छुट्टी की स्वीकृति दी जाती है।
असाधारण अवकाश कितने दिन की होती है?
किसी भी सरकारी सेवक को असाधारण अवकाश (Extraordinary Leave) लगातार 5 (पांच) वर्ष से अधिक के लिए छुट्टी स्वीकृत नहीं की जा सकती है। झारखण्ड सेवा संहिता के नियम 76 के अनुसार जब तक कि किसी मामले की ख़ास परिस्थितियों को देखते हुए, राज्य सरकार अन्यथा निर्धारित न करे, सरकारी सेवक अन्यत्र छुट्टी के साथ या बिना छुट्टी के, कर्तव्य से पांच वर्ष तक लगातार अनुपस्थिति के बाद सरकारी नियोजन में नहीं रह जाता है।
सारांश
झारखण्ड सरकार के सभी नियमित सरकारी सेवक छुट्टी समाप्त होने के बाद भी, यदि उनके पास किसी तरह का अन्य छुट्टी मौजूद नहीं हो, फिर भी अवकाश में रह सकता है। यह छुट्टी असाधारण अवकाश में गिनती की जाएगी।
यदि राज्य सरकार का कोई सरकारी सेवक लगातार पाँच वर्ष तक छुट्टी पर रहने के बाद अपना कर्त्तव्य ग्रहण नहीं करता है। सरकारी सेवक विदेश सेवा या निलम्बन की स्थिति को छोड़कर अपनी छुट्टी की अवधि के बाद भी ऐसी अवधि के लिए जो उसे दी गयी छुट्टी की अवधि के साथ पाँच वर्ष से अधिक अनुपस्थित रहता है। राज्य सरकार द्वारा विहित प्रक्रिया को अपनाते हुए सेवा से हटा सकता है।