शिशु पंजी को बाल पंजी भी कहा जाता है। शिशु पंजी का अद्यतन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें बच्चों से संबंधित पंजीकरण रिकॉर्ड को नियमित रूप से प्रत्येक वर्ष सही, पूर्ण और अद्यतन किया जाता है। यह प्रक्रिया बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लाभों को प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद करती है।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड सरकार के आदेश से प्रदेश के 3 से 18 आयुवर्ग के सभी बच्चों का विद्यालय मे नामांकन या अनामांकन या छिजीतों का चिन्हितिकरण हेतु पंजी का अद्यतीकरण किया जाना है। यह कार्य प्राथमिक, मध्य, उच्च और उच्चत्तर विद्यालयों के सभी सरकारी शिक्षकों एवं सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षक ) द्वारा किया जाता है।
विद्यालय के पोषक क्षेत्र में अवस्थित सभी टोला व मोहल्ला को शिक्षकों के बीच सामान रूप से बंटवारा किया जाता है। शिशु पंजी का अध्यतन के लिए फॉर्मेट के सभी कॉलोम को भरना अनिवार्य होता है।
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शिशु पंजी का अद्यतन क्यों ?
3 से 18 आयुवर्ग के बच्चों के उत्थान एवं समग्र विकास के लिए प्रति वर्ष बजट का निर्माण किया जाता है। इस कार्य के लिए विद्यालय में नामांकित व अनामांकित बच्चों की संख्या , छीजित बच्चों और दिब्यांग बच्चों का डेटा एकत्र करने के लिए होता है। इसके तहत आउट ऑफ़ स्कूल एवं ड्राप आउट बच्चों का सर्वे करके चिन्हित की जाती है।
शिशु पंजी या बाल पंजी का सर्वे कब करें ?
शिशु पंजी का अद्यतन विद्यालय समय से पूर्व या विद्यालय समयावधि या विद्यालय के बाद या अवकाश के समय में सुविधानुसार किया जा सकता है। शिशु पंजी अद्यतन के लिए प्रत्येक परिवार का सर्वेक्षण हर हाल में किया जाना है। प्रधानाध्यापक अलग-अलग शिक्षकों के लिए खाली पीरियड या चेतना सत्र या खेल-कूद अवधि के समय में सर्वे करने हेतु समय निर्धारित करते हुए सर्वे करने हेतु निदेशित कर सकते हैं। किसी गाँव या टोला या घर का सर्वेक्षण किसी भी हाल में दुबारा (overlapping) नहीं किया जाना है।
ड्रॉप आउट बच्चा (Drop Out Child) किसे कहा जाए ?
वह बच्चा जो किसी भी प्रकार के पूर्व से यदि लगातार 30 दिनों से या इससे अधिक समय तक विद्यालय में उपस्थित नहीं रहा है, ड्रॉप आउट बच्चा कहलाएगा।
अनामांकित (Never Enrolled) बच्चा किसे माना जाये ?
वह बच्चा जो अपने जीवन काल में कभी किसी भी प्रकार के विद्यालय में नामांकित नहीं रहा है, अनामांकित (Never Enrolled) बच्चा कहलाएगा।
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जीरो ड्रॉप आउट स्कूल (Zero Drop-Out School) किसे माना जाये ?
विद्यालय खोलने के Norms के आधार पर निर्धारित दूरी के अंतर्गत यदि किसी विद्यालय के पोषक क्षेत्र के सभी बच्चे जो उक्त विद्यालय में संचालित कक्षाओं के लिए निर्धारित आवश्यक आयु के अनुरूप हैं, उक्त विद्यालय या अन्य किसी भी विद्यालय में नामांकित हैं तो, उक्त विद्यालय जीरो ड्रॉप आउट विद्यालय कहलायेगा।
उदाहरणस्वरूप:- यदि कोई विद्यालय प्राथमिक विद्यालय है जहाँ कक्षा IV तक की कक्षाएँ संचालित होती है तो 1 कि.मी. के परिधि में आने वाले सभी गाँव या टोलों या वार्ड (पोषक क्षेत्र) के सभी 6 10+ आयुवर्ग के बच्चे उक्त विद्यालय या किसी भी अन्य विद्यालय में नामांकित होने पर उक्त विद्यालय जीरो ड्रॉप आउट विद्यालय कहलायेगा।
इसी तरह, यदि कोई विद्यालय में I – X तक की कक्षाएँ संचालित होती हैं तो उस विद्यालय के 5 km तक के परिधि में आने वाले गाँव या टोलों (पोषक क्षेत्र) के 6-16+ आयुवर्ग के सभी बच्चे उक्त विद्यालय या अन्य किसी भी विद्यालय में नामांकित होने पर वह विद्यालय जीरो ड्रॉप आउट कहलायेगा ।