झारखंड राज्य के सभी सरकारी सेवकों को, लगातार 12 महीने की सेवा पूरी करने के बाद वार्षिक वेतन वृद्धि (Salary Increment) दी जाती है। यह वेतन वृद्धि हर साल जनवरी या जुलाई की पहली तारीख को दी जाती है। किस माह में वेतन वृद्धि मिलेगी, यह कर्मचारी या शिक्षक की नियुक्ति (योगदान) तिथि पर निर्भर करता है।
सामान्यतः वेतन वृद्धि नियमित रूप से मिलती रहती है, जब तक कि उस पर रोक न लगाई जाए। यदि सक्षम अधिकारी को यह लगे कि किसी शिक्षक या कर्मचारी का आचरण ठीक नहीं है या उसका कार्य संतोषजनक नहीं है, तो वह उसकी वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) पर रोक लगा सकता है।
झारखंड सरकार के वित्त विभाग के आदेश (संकल्प संख्या 660/वि०, दिनांक 28.02.2009) के अनुसार, संशोधित वेतन व्यवस्था में वेतन वृद्धि की दर “पे बैंड + ग्रेड पे” के कुल वेतन का 3% होगी। यह राशि 10 के गुणक में गोल (राउंड) करके जोड़ी जाएगी। यह नियम सभी राज्यकर्मी, जैसे शिक्षक और अन्य सरकारी कर्मचारी, पर समान रूप से लागू होगा।
वेतन वृद्धि की तारीख हर सरकारी कर्मचारी के लिए हर साल 1 जनवरी या 1 जुलाई होगी। अगर किसी विशेष स्थिति में वेतन वृद्धि को मंजूरी देने में कोई असामान्यता हो, तो इसके नियम इसी आदेश की कंडिका 10 और 11 में दिए गए हैं।
झारखण्ड सरकार द्वारा अपने सेवीवर्ग को केन्द्रीय सेवा शर्त के साथ केन्द्रीय वेतनमान एवं अन्य सुविधाएँ प्रदान करने में बनी सैद्धान्तिक सहमति के आलोक में दिनांक 01.01.2006 से पुनरीक्षित केन्द्रीय वेतनमान की स्वीकृति वित्त विभाग के संकल्प संख्या 660/वि० दिनांक 28.02.2009 द्वारा प्रदान की गई। है। संकल्प की कंडिका 10 एवं 11 में वार्षिक वेतन वृद्धि की दर एवं तिथि संबंधी प्रावधान संनिहित है।
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सातवां वेतन आयोग के अनुसार वेतन मैट्रिक्स के लिए बनी चार्ट के आधार पर प्रति वर्ष इंक्रीमेंट में वृद्धि की जाती है। यह मैट्रिक्स कई ग्रेड पे, लेवल और PB में बाँटा गया है जिसकी सूची नीचे दी गई है :-
सातवां वेतन आयोग के अनुसार वेतन मैट्रिक्स के लिए बनी चार्ट के आधार पर प्रति वर्ष इंक्रीमेंट में वृद्धि की जाती है। यह मैट्रिक्स कई ग्रेड पे, लेवल और PB में बाँटा गया है जिसकी सूची नीचे दी गई है :-
