राज्य के महिला शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश का प्रावधान है। सरकार ने संकल्प जारी करके राज्य के शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश / शिशु देखभाल अवकाश दो वर्ष अर्थात 730 दिनों तक किया। यह अवकाश छठां केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसा के अलोक में राज्य सरकार ने केंद्रीय कर्मियों के भाँति प्रदान की है। महिला शिक्षिकाओं के लिए समस्त सेवाकाल में दो अवयस्क संतानों की देखभाल हेतु कुल 730 दिनों के लिए “शिशु देखभाल अवकाश ” (मातृत्व अवकाश) का प्रावधान किया गया है।
मातृत्व अवकाश ही ” शिशु देखभाल “अवकाश है। झारखण्ड सेवा संहिता, 2000 के नियम 200 के बाद नया नियम 220(A ) “शिशु देखभाल अवकाश ” (Child Care Leave ) के रूप में अंतस्थापित किया गया है।
मातृत्व अवकाश या शिशु देखभाल अवकाश लेने का नियम (Rules for taking maternity leave or child care leave)
मातृत्व अवकाश या शिशु देखभाल अवकाश झारखण्ड सरकार,वित्त विभाग संकल्प संख्या 660/ वित्त दिनांक 20-02-2009 के अलोक में 135 दिन को संशोधित करते हुए 6(छः) माह की गयी थी। अब इससे वित्त विभाग के पत्रांक 732 दिनांक 14-03-2024 के अलोक में अवकाश की अवधि बढ़ाकर 730 दिन किया गया। शर्तों के साथ इन 730 दिनों का छुट्टी को उपयोग किया जा सकता है जो निम्नलिखित है :-
- अवयस्क संतान ( 18 वर्ष से कम आयु वाली महिला शिक्षिका को, उनकी समस्त सेवा अवधि के दौरान, केवल दो संतान तक, उनकी परीक्षा, बीमारी की दशा में पालन-पोषण या देखभाल के लिए, दो वर्ष (यानि 730 दिन) की शिशु देखभाल अवकाश, छुट्टी स्वीकृत करने वाले सक्षम प्राधिकारी द्वारा दी जा सकेगी।
- निःशक्त बच्चों के मामलों में उपर्युक्त उम्र संबंधी सीमा लागू नहीं किया जाएगा ।
- शिशु देखभाल अवकाश अर्जित अवकाश के समान मानी जाएगी और उसी प्रकार से मंजूर की जायेगी ।
- शिशु देखभाल अवकाश का अधिकार पूर्वक दावा नहीं किया जा सकेगा। किसी भी परिस्थिति में, मंजूर करने वाले प्राधिकारी की पूर्वानुमति एवं उचित मंजूरी के बिना, कोई शिक्षिका इस छुट्टी पर प्रस्थान नहीं कर सकेगा ।
- शिशु देखभाल अवकाश 18 वर्ष से कम आयु के केवल दो जीवित संतानों के लिए अनुमान्य होगी ।
- शिशु देखभाल अवकाश एक कैलेंडर वर्ष के दौरान तीन बार से अधिक नहीं मंजूर नहीं की जाएगी, जो प्रत्येक बार 15 दिनों से कम के लिए मंजूर नहीं की जायेगी ।
- इस छुट्टी के दौरान पड़ने वाले शनिवार, रविवार एवं राजपत्रित छुट्टियाँ भी शिशु देखभाल अवकाश में शामिल की जाएगी।
- शिशु देखभाल अवकाश के साथ कोई भी अन्य देय छुट्टी मंजूर की जा सकेगी, किंतु शिशु देखभाल अवकाश के क्रम में मांगी गई कोई अन्य अवकाश सरकारी चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य प्रमाण पत्र द्वारा समर्थित हो, अनुरोध पर मंजूर की जा सकेगी ।शिशु देखभाल अवकाश साधारणतया परिवीक्षा अवधि के दौरान मंजूर नहीं की जाएगी, सिवाय कतिपय अत्यंत कठिन परिस्थितियों की दशा में, जहाँ छुट्टी मंजूर करने वाले प्राधिकारी का परिवीक्षार्थी की शिशुदेखभाल अवकाश की आवश्यकता के बारे में पूर्ण रूप से समाधान हो जाय । इसे भी सुनिशिचत किया जाएगा कि परिवीक्षा के दौरान इस अवकाश की अवधि न्यूनतम हो । इस अवकाश से परिवीक्षा अवधि विलम्बित होगी ।
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- इस अवकाश के दौरान महिला शिक्षिका को वह छुट्टी वेतन प्राप्त होगा, जो छुट्टी पर प्रस्थान करने के ठीक पहले प्राप्त कर रही / रहा हो ।
- संबंधित महिला शिक्षिका के छुट्टी लेखे में उपार्जित अवकाश देय होते हुए भी शिशु देखभाल अवकाश मंजूर की जा सकेगी ।
- शिशु देखभाल अवकाश, छुट्टी लेखे में विकलित नहीं की जाएगी।
- शिशु देखभाल अवकाश के लिए छुट्टी लेखा, संलग्न विहित प्रपत्र में संधारित किया जाएगा और इसे संबंधित महिला शिक्षिका की सेवा पुस्तिका के साथ रखा जायेगा ।
मातृत्व अवकाश या शिशु देखभाल अवकाश (Maternity Leave or Child Care Leave) पत्र संख्या 732 तिथि 14-03-2024 को यहां से डाउनलोड करें –
निष्कर्ष
झारखण्ड सेवा संहिता के नियम २२० (क) के तहत राज्य सरकार के शिक्षिकाओं को दो वर्ष की छुट्टी का प्रवधान किया गया है। गर्भ हानि और गर्भपात के लिए मातृत्व अवकाश (शिशु देखभाल अवकाश ) के मामले में चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। इसके लिए बच्चों की संख्या के लिए कोई प्रतिबन्ध नहीं है। इस अवकाश को छुट्टी उपभोग करने के बाद स्वीकृति दी जाती है। छुट्टी में जाने के लिए सम्बंधित विद्यालय और नियंत्री पदाधिकारी को लिखित सूचना देकर ७३० दिनों की छुट्टी का उपयोग कर सकते है।