झारखण्ड सरकारी सेवक नियमावली 2016 के तहत नियुक्ति प्राधिकार या ऐसा प्राधिकार जिसके अधीन नियुक्ति प्राधिकार कार्यरत हो या सरकार के सामान्य आदेश अथवा विशेष आदेश से प्राधिकृत कार्यालय प्रधान द्वारा शिक्षक निलंबन (Teacher Suspension) का आदेश जारी कर सकता है।
प्राथमिक शिक्षकों का निलंबन का आदेश जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा जारी किया जाता है। झारखण्ड सेवा संहिता में उल्लेखित सरकारी सेवा आचरण नियमावली के विपरीत कार्य करने पर शिक्षकों को निलंबित किया जाता है और दोष सिद्ध होने पर लघु या वृहत दण्ड दिया जा सकता है।
शिक्षक को निलंबित करने का निर्णय साधरणतया तब लिया जाता है जब उस पर किसी प्रकार का अनुशासनहीनता, कदाचार, या नियमों के उल्लंघन का आरोप होता है। यह निलंबन एक अस्थायी कार्रवाई होती है। शिक्षक निलंबन (Teacher Suspension) का अर्थ सम्बंधित शिक्षक को नौकरी से हटाना नहीं है अपितु अस्थायी तौर पर कार्यरत विद्यालय से इतर अन्य कार्य स्थल पर उसे पदस्थापित किया जाता है । इस अवधि में उन्हें पूर्ण वेतन के स्थान पर जीवन निर्वाह भत्ता दिए जाते है।
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शिक्षक निलंबन (Teacher Suspension) का कारण
सरकार द्वारा शिक्षकों से अपेक्षा की जाती है की सरकारी आचरण नियमावली की अक्षरश पालन करते हुए कर्तव्य को पूरा किया जाए इसके इतर कार्य करने पर उससे निलंबित किया जा सकता है। शिक्षक निलंबन (Teacher Suspension) होने के कई कारण हो सकते है। सरकारी सेवक नियमावली 2016 के तहत निलंबित करने का मुख्य कारण निम्नलिखित है:-
- सरकारी शिक्षक के विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही चलाई जानी हो उस परिस्थिति सबसे पहले उस शिक्षक को निलंबित किया जा सकता है।
- नियुक्ति प्राधिकार या सरकार की राय में कोई शिक्षक राज्य के सुरक्षा हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के क्रिया कलाप में संलिप्त हो पाया गया हो वैसी स्थिति में उस शिक्षक को निलंबित किया जा सकता है।
- किसी सरकारी शिक्षक के विरुद्ध कोई आपराधिक मामला अन्वेषण, जांच या विचार के अधीन हो ऐसी स्थिति में सक्षम प्राधिकार द्वारा लोकहित में शिक्षक को निलंबित किया जा सकता है।
- आपराधिक आरोप या अन्य कारणों से 48 घंटों से अधिक तक हाजत में बंद रहने पर उसे निलंबित किया जा सकता है।
- अपराध के लिए दोष सिद्ध की दशा में 48 घंटा से अधिक कारावास की सजा पाए जाने पर उससे निलंबित किया जायेगा।
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निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता
निलंबन अवधि में भरण पोषण हेतु सरकारी शिक्षकों को जीवन निर्वाह भत्ता के रूप में आधा वेतन दिया जाता है परन्तु निलंबन की अवधि बारह माह से अधिक हो जाने पर जिस प्राधिकारी ने निलंबित का आदेश दिया है वह प्रथम बारह माह की अवधि के पश्चात बाद की अवधि के निर्वाह भत्ता की राशि में परिवर्तन कर सकता है। अर्थात निलंबित अवधि में जो आधा वेतन देने का नियम था 12 माह से अधिक बीत जाने पर जीवन निर्वाह भत्ता राशि में परिवर्तन किया जा सकता है।
प्राधिकारी की राय में शिक्षक निलंबन (Teacher Suspension) का कारण के लिए शिक्षक सीधे जिम्मेवार न हो तो जीवन निर्वाह अनुदान की राशि प्रथम बारह महीने में अनुमान्य निर्वाह अनुदान की राशि से अधिक से अधिक पचास प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती है। इसके ठीक विपरीत यदि प्राधिकारी की राय में शिक्षक निलंबन (Teacher Suspension) का कारण के लिए शिक्षक सीधे जिम्मेवार हो तो जीवन निर्वाह अनुदान की राशि प्रथम बारह महीने में अनुमान्य निर्वाह अनुदान की राशि से अधिक से अधिक पचास प्रतिशत तक घटायी जा सकती है। महंगाई भत्ता (DA ) की दर में भी उपर्युक्त के आधार पर बढ़ाई या घटाई जा सकती है।
यदि किसी सरकारी शिक्षक की मृत्यु निलंबन अवधि में होती है ऐसी स्थिति में शिक्षक निलंबन (Teacher Suspension) की तिथि तथा मृत्यु के तिथि के बीच की अवधि का सभी प्रयोजनार्थ कर्तव्य पर मानी जाएगी और उसके परिवार को उस अवधि के पुरे वेतन तथा भत्ते का भुगतान किया जायेगा जिसका वह निलंबित नहीं होने पर हक़दार होता।